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10वीं फ़ैल के बाद भी नहीं मानी हार, पहले प्रयास में बन गई IAS , जानें इनकी सक्सेस स्टोरी

अंजू शर्मा की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है और यह साबित करती है कि जीवन में असफलताओं के बावजूद भी सफलता प्राप्त की जा सकती है यदि ठान लिया जाए और सही दिशा में मेहनत की जाए।

यहाँ उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

  1. प्रारंभिक शिक्षा में विफलता: अंजू शर्मा ने कक्षा 10वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा में केमेस्ट्री में और कक्षा 12वीं में इकोनॉमिक्स में फेल हो गई थीं। हालांकि, अन्य विषयों में उन्होंने डिस्टिंक्शन अंक प्राप्त किए थे।
  2. धैर्य और मेहनत: इन विफलताओं के बावजूद, अंजू शर्मा ने हार मानने के बजाय अपनी कमजोरियों को दूर करने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। उनका यह समर्पण और मेहनत ही उनकी सफलता का मूल कारण बना।
  3. शिक्षा और कैरियर: अंजू शर्मा ने जयपुर से B.Sc और MBA की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पहले ही प्रयास में क्रैक कर लिया और महज 22 साल की उम्र में IAS अधिकारी बनीं।
  4. प्रोफेशनल करियर: अंजू शर्मा ने 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। वर्तमान में, वह गुजरात कैडर की IAS अधिकारी के रूप में कृषि, किसान कल्याण एवं सहकारिता विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात हैं।

उनकी सफलता का यह मार्गदर्शन अन्य लोगों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत हो सकता है, जो यह दिखाता है कि कठिनाइयों और विफलताओं के बावजूद, कठिन परिश्रम और सच्ची मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

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